दिवाली ऐसा दिन है जब दुष्ट ताकतों का अंत होता है और प्रकाश फैलता है। यही इंसानी जिंदगी की उलझन भी है, घने काले बादल आकाश में छा जाते हैं, बिना इस एहसास के कि वे सूर्य की रोशनी को रोक रहे हैं। किसी इंसान को प्रकाश कहीं से लाना नहीं है। अगर वह इन घने बादलों को हटा दे, जो उसके अंदर जमा हो गए हैं,
तो उजाला अपने आप ही हो जाएगा। 
प्रकाश का पर्व इसी बात को याद दिलाता है। प्रकाश हमें इस दुनिया को अनुभव करने की क्षमता देता है। प्रकाश से ही रंगों का अस्तित्व है और सबसे बढ़कर हमारे भीतर का प्रकाश ही हमें मुक्त करता है। 
मेरी कामना है कि ये दीपावली आपके भीतर प्रकाश लाए।