सुमन संजय सुराना जी ने इस अवसर पर उपस्थित सभी महिलाओं को संबोधित किया और महिला अस्मिता तथा जागरूकता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं अब अबला नहीं, बल्कि सबला बनकर समाज में अपनी पहचान स्थापित करें। उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई की तरह साहसी बनने और अपने आत्म-सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा दी। सुमन जी ने कहा कि यह समय खुद को घर में बंद करने का नहीं है, बल्कि साहस के साथ अपने अधिकारों और सम्मान की रक्षा करने का है।





 कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने सुमन सुराना जी के विचारों को सराहा और इस तरह के जागरूकता अभियानों को समाज में बदलाव लाने के लिए आवश्यक बताया।