इस देशप्रेम से सराबोर यात्रा में डॉ. प्रो. कैलाश सरस्वत जी (पेट्रन हेड) ने विशेष रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यात्रा के दौरान "जब-जब दुश्मन ने नज़र उठाई, ऑपरेशन सिंदूर बन सेना छाई" जैसे ओजस्वी नारों से वातावरण गूंज उठा, जिसने जनसमूह में जोश और गौरव की भावना भर दी। यात्रा का समापन भारत माता की प्रतिमा पर नमन के साथ हुआ, जिसके उपरांत सभी स्वयंसेवक स्मारक पार्क पहुंचे और शांतिपूर्वक यात्रा सम्पन्न की।















इस गरिमामयी आयोजन में डॉ. सुमन सुराना (संस्थापक एवं अध्यक्ष), डॉ. प्रो. कैलाश सरस्वत (पेट्रन हेड) सहित हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन के सक्रिय सदस्य—यशिका, रिया, विपिन, मोहिनी, दिनेश, सुरभि, लवकुश, गौरव, अंकित, प्रियांश, शुभम, तेजवीर, नीलम आदि ने अपनी अहम भूमिका निभाई और इस आयोजन को ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान किया। यह तिरंगा यात्रा न केवल देशभक्ति और एकता का प्रतीक बनी, बल्कि युवाओं में राष्ट्रप्रेम और सामाजिक चेतना की अलख भी जगाने में सफल रही।