इस प्रतियोगिता की खास बात यह रही कि बच्चों को केले के तने से राखी बनाना सिखाया गया, जिससे बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी उत्पन्न हुई। बहनों ने अपने भाइयों के लिए और भाइयों ने अपनी बहनों के लिए बड़ी ही सुंदर-सुंदर राखियां बनाईं। बच्चों के बीच दिखा यह आपसी प्रेम और भाईचारे का दृश्य अत्यंत भावुक करने वाला था।








कार्यक्रम के दौरान डॉ. सुमन सुराणा ने बच्चों को रक्षाबंधन के महत्व के बारे में बताया और उन्हें यह महसूस कराया कि राखी केवल एक धागा नहीं, बल्कि प्रेम, रक्षा और भरोसे की डोर है।
                                               
स्कूल की प्रधानाचार्य मंजू चंद्रानी, वंदना सिंघल, साथ ही वॉलंटियर्स जैसे यशिका अंजू, आस्था आदि की उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। कार्यक्रम के अंत में डॉ. सुमन सुराणा ने सभी बच्चों को स्नैक्स वितरित कर उनका उत्साह बढ़ाया। 

 शिक्षकों द्वारा डॉ. सुराणा का आभार व्यक्त किया गया और सभी ने इस रचनात्मक पहल की सराहना की। यह आयोजन न केवल सफल रहा, बल्कि बच्चों के मन में रक्षाबंधन का वास्तविक भाव भी जाग्रत कर गया।